Friday, September 14, 2012



उमीदो के शहर में जाना होता है जब जब  ,
बेबसी ,उदासी और आसू ओ के अलावा कुछ न मिला .
भरे बाज़ार में बिका मेरा प्यार ,
बदले में बदनामी के सिवा कुछ ना मिला।

नीता कोटेचा "नित्या 

Saturday, August 25, 2012

दोस्त एक बार तो मुड़ के देख,
आज भी बह रही है आख़े तेरी  याद में..
नीता कोटेचा

Thursday, July 19, 2012


पूरी जिंदगी कटी अकेले, जिनके इंतजार में दोस्तों
देखो आज वो ही आये है गुलदस्ते ले कर बीदा करने दोस्तों..

नीता कोटेचा


कारण था ही नही कुछ मेरे जीने का दोस्तों,
फिर क्यों इतना दुःख जता रहे हों मेरी मौत पे दोस्तों..

नीता कोटेचा


वो शोहरत , वो इज्जत तब मिली थी जब हम कुछ कर लिया करते थे,
अब आज वापस मिली जब हमने जगह कर दी दुनिया में दोस्तों ..
नीता कोटेचा

Wednesday, March 7, 2012

तुम्हारी दुआओं से भी अब मैं तुम्हें ना मिलूं
जा तू कितना भी धुंदी मैं तुम्हें ना मिलूं

बेकदर शख्स को मोहब्बत सौंपी मैंने
तू तड़प जाये मेरी मोहब्बत को और मैं ना मिलूं

तुम्हारी एक एक साँस पर अपना नाम लिखा था मैंने
तू इन्हें मिटाना चाहे तो भी अब ना मिटून मैं ...

तू पुकारे हाय, आ भी जाओ अब मेरी ज़िन्दगी में दोबारा
बस तभी मेरी सांसें ख़त्म हों ...और मैं ना मिलूं ....!!!

~नीता कोटेचा (Concept)
~कशिश खान (Translated in Urdu)

Tuesday, March 6, 2012

बरसो बाद जब मिले हम उनसे
तो कहने लगे तुम्हारा नाम भूल गये कसम से

हाँ ये वोही शख्स है जो कहते थे कभी
तुम्हे ना भूलेंगे आखरी साँस तक ,भूले चाहे रिश्ते सभी

ये माना के मेरे हाथ में अब उनका हाथ नहीं
पर ये क्योंकर हुआ के मेरी ओर देखने का भी सवाब (रीत ,कांसेप्ट ,रसम ) नहीं

मेरा दर्द , मेरा रंज -ओ -गम वोह क्या जाने अब
मेरे नाम के पन्ने किताब -ए -ज़िन्दगी से फार दिए है जब

ये हिज्र का खेल तो हमारे दरमियान हमेशा से रहा
अपने अपने मक़ाम पर कभी मैं नहीं ,कभी तू ना रहा

मैंने तुम्हें याद रखके किस्मत को मात दे दी ...
तुमने मुझे भूलाकर किस्मत को जीत दे दी ....!!!

~नीता कोटेचा (Write and Concept)
~कशिश खान (Translated in Urdu)

Thursday, February 2, 2012

रब कहता है तू मांगे तो मै दू,
मै कहती हु मर्जी तेरी..
नीता कोटेचा

Wednesday, January 18, 2012

बरसी मनाने आ ही जाओ
वापस दिन आ गया जुदा जोने वाला
नीता